Subscribe Us

Advertisement

Advertisement

Advertisement

Tuesday, July 22, 2025

सर पर कफ़न बांध कर निकल गए तो मुश्किल कर देंगे,भगत सिंह याद है ना.....विधायक के बयान से मची खलबली

रांची(RANCHI) : सर पर कफ़न बांध कर निकल गए तो सभी कंपनी को इसकी कीमत चुकानी होगी. झारखण्ड हमारा है और हम इसके मालिक है. बाहर  से आकर  यहाँ राज चलाओगे तो मुश्किल कर देंगे. यह शब्द एक माननीय विधायक के है. जो खुली सभा में बोल रहे थे इसका परिणाम क्या होगा यह तो नहीं मालूम लेकिन जिस सभा में विधायक जी भगत सिंह और कफ़न की बात कर रहे थे उस सभा में हजारो लोग शामिल हुए और अपने नेता के इस शब्द पर खूब ताली बजाई.अब सवाल है कि आखिर और कितना आंदोलन नेता 
अपने हक़ और अधिकार के लिए  लड़ेंगे.हलाकि झारखण्ड में कम्पनी के खिलाफ कई आंदोलन हुए. कई बड़े नेता बन गए. सत्ता के शीर्ष तक पहुँच गए. लेकिन मज़दूर और झारखंडी के दिन नहीं बदले. चलिए पूरी कहानी बताते है. डुमरी विधायक जयराम महतो एक सभा कर रहे थे. इस सभा में कम्पनी के खिलाफ खूब गरजे. कहा कि झारखण्ड में बड़ी कम्पनी यहाँ लूटने का काम कर रही है. मज़दूरों को उनका हक़ और अधिकार नहीं मिलता है. कोयला हमारा और हमें ही सम्मान नहीं दिया जा रहा है. आखिर यह सब कब तक चेलगा. उन्होंने कहा कि अब आगे बड़े आंदोलन की शुरुआत होगी. साथ ही कई बार विधायक का  आक्रामक तेवर भी देखने को मिला जिसमें सीधी चेतवानी दी है.
 अगर कफ़न बांध कर निकल गए तो मुश्किल कर देंगे,एक इट भी नहीं बचेगाइस वीडियो के सामने आने के बाद कई लोग यह भी सवाल उठाने लगे की आखिर जयराम महतो के इस रूप को किस तरह से देखते है. इस भाषण का परिणाम क्या होगा. झारखण्ड की लड़ाई हर कोई लड़ता है लेकिन जनता की समस्या का हल किसी ने नहीं किया. खुद इस लड़ाई में कई नेता हीरो बने और सत्ता के शीर्ष में पहुंचे लेकिन इसके बाद आगे क्या होगा. हक़ और अधिकार कब मिलेगा.
कई ऐसे लोग भी है जो खुद इस लड़ाई को क़ानूनी दाव पेंच के साथ लड़ने की बात बोल रहे है. उनका मानना है कि ऐसे आक्रामक भाषण से कुछ नहीं होता है. संवैधानिक देश है और यहाँ संविधान के तहत लड़ाई लड़नी होगी. इसके आगे और कुछ नहीं किया जा सकता है. हलाकि जयराम महतो युवा है और आवाज़ भी उठाते है यह सही है. सदन में भी मज़दूर और विस्थापित के मुद्दे पर मुखर रहे है.अब सवाल है कि जब कोई हल नहीं हो रहा है तो कोर्ट का रास्ता चुनना चाहिए. जिससे मज़दूरों को उनका हक़ मिल सके.                                 

0 Comments:

Post a Comment