Sarykela Kharsawan (पत्रकार दया शंकर सिंह) : झारखंड में नगर निकाय चुनाव पर सरकार 10 नवंबर के पहले फैसला ले सकती है. 10 नवंबर को होने वाली हाईकोर्ट में सुनवाई के पहले सरकार कैबिनेट से मंजूरी लेकर राज्य निर्वाचन आयोग को अनुमति भेज सकती है. सूत्रों के अनुसार झारखंड हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद हेमंत सोरेन की सरकार ने नगर निकाय चुनाव को जल्द कराने का लगभग निर्णय ले चुकी है. जिला स्तर शहरी निकायों के वार्ड एवं अन्य पदों पर आरक्षण के निर्धारण को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जिला स्तर से आरक्षण का निर्धारण होने के बाद राज्य निर्वाचन को यह भेजा जाएगा.
झारखंड में कुल 48 शहरी निकाय क्षेत्र हैं
उल्लेखनीय है कि राज्य में 48 शहरी निकाय क्षेत्र हैं, जहां ओबीसी ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट के बाद पहली बार bc1 और bc2 के लिए सीट आरक्षित होंगी. यह अलग बात है निकाय चुनाव में राजनीतिक दलों का प्रत्यक्ष कोई भूमिका नहीं होती, लेकिन अप्रत्यक्ष भूमिका होती है. हर उम्मीदवार प्रयास करता है कि वह किसी न किसी दल से समर्थित हो. झारखंड सरकार में शामिल कांग्रेस निकाय चुनाव को लेकर सकारात्मक रुख अपनाते हुए दावा कर रही है कि जल्द ही चुनाव होंगे.
कांग्रेस पूरी तरह से हो गई है सक्रिय
कांग्रेस का कहना है कि राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति और ओबीसी ट्रिपल टेस्ट रिपोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद राज्य में शहरी निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. वैसे भी निकाय चुनाव को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बढ़ रहा है निकाय चुनाव को लेकर सक्रियता तेज है. छठ घाटों पर उम्मीदवारों का सियासी डेरा भी लगा.सभी राजनीतिक दलों के नेता समाज सेवी संस्थाओं के लोग जनता की सेवा में अपने अपने लग चुके है हालांकि जनता अब जाग चुकी है चुनावों की आवाज आते ही कुछ लोग तो चौक चौराहा पर चाय पर चर्चा और सेवा करना भी शुरू कर चुके है रोड नली साफ सफाई वेपर लाइट मरमत लोगो को नमस्कार तक बोलना शुरू कर चुके हैं कुछ लोग जो कभी जनता के बीच नहीं रहे एक तरफ से देखा जाए तो पर्व जैसा माहौल बन गया है










