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Thursday, July 10, 2025

अमित शाह और सीएम हेमंत सोरेन की महत्वपूर्ण बैठक, 31 मांगों को रखा गया केंद्र के समक्ष

राजधानी रांची में गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद (Eastern Zonal Council) की 27वीं बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित हुई, जिसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बैठक में झारखंड राज्य की ओर से 31 अहम मुद्दे रखे। इनमें प्रमुख रूप से केंद्र सरकार की कोल कंपनियों (PSU) पर झारखंड सरकार का ₹1.36 लाख करोड़ का बकाया, रांची मेट्रो रेल परियोजना को जल्द मंजूरी, जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना, एसीएल (ACEL) सिंचाई परियोजना, राज्य के मेडिकल कॉलेजों का विस्तार, ग्रामीण बैंकिंग व्यवस्था में सुधार, मयूराक्षी और फूलबाड़ी परियोजनाओं में बंगाल-झारखंड समन्वय, रेल सुविधाओं में विस्तार और फास्ट-ट्रैक कोर्ट की संख्या में वृद्धि आदि शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “झारखंड को उसके संसाधनों के अनुपात में विकास और अधिकार दोनों मिलने अमित शाह ने दिया भरोसा


गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में उपस्थित सभी राज्यों को यह भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार विकास कार्यों को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र-राज्य समन्वय को और मजबूत करने के लिए इस प्रकार की क्षेत्रीय परिषद की बैठकों का विशेष महत्व है।


अमित शाह ने जल जीवन मिशन, महिला सुरक्षा, सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था, नक्सल उन्मूलन और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे विषयों पर चर्चा की और सभी राज्यों से सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने की अपील की।।”

बैठक के आरंभ में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। उन्हें गुलदस्ता, पेंटिंग और पौधा भेंट किया गया। मंच पर दोनों नेताओं के बीच सौहार्द्रपूर्ण संवाद भी देखा गया।


पूर्वी भारत के चार राज्यों की यह बैठक सिर्फ प्रशासनिक नहीं बल्कि विकास और अधिकारों की साझा वकालत का मंच बनकर सामने आई। झारखंड सरकार ने जिस मजबूती से अपने मुद्दे रखे, वह राज्य की जरूरतों और अपेक्षाओं को केंद्र तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब राज्य में लगातार बारिश, बाढ़, और विकास योजनाओं के ठहराव जैसे मुद्दे जनता के बीच चिंता का कारण बने हुए हैं। ऐसे में केंद्र-राज्य समन्वय की यह पहल उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई हे।

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