मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं इसलिए सभी को मातृभाषा सीखना चाहिए,,, सुनील कुमार दे,,,
आज दिनांक 7 अप्रैल 2025 को सुबह 9.30 बजे विजया दशमी के शुभ अवसर पर माताजी आश्रम हाता की प्रेरणा और सहयोग से विकास एजुकेशनल एंड चैरिटबल ट्रस्ट द्वारा संचालित पायोनियर इंग्लिश स्कूल में बच्चे को बंगला भाषा और भूमिज भाषा सीखाने के लिए पढ़ाई शुरू की गई।इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में साहित्यकार सह समाजसेवी सुनील कुमार दे,बिशिष्ठ अतिथि के रूप में साहित्यकार सह समाजसेवी करुणामय मण्डल, मूर्तिकार सह समजसेवी सुबोध गोराई, साहित्यकार सुभाष सरदार,समाजसेवी मृणाल पाल आदि उपस्थित थे।सुनील कुमार दे ने मा सरस्वती की प्रतिकृति पर पुष्प देकर और द्वीप प्रज्वलित कर तथा सरस्वती संगीत प्रस्तुत कर के शुभ कार्य की शुरुआत की।विद्यालय के संस्थापक विकास कुमार भकत ने अतिथियों का स्वागत किया।इंग्लिश स्कूल में बच्चे को बंगला और भूमिज भाषा की शिक्षा देने की साहसिक कदम को अतिथियों ने जमकर तारीफ की।इस अवसर पर सुनील कुमार दे ने कहा,,,मातृभाषा मातृ दुग्ध के समान है जिसका कोई विकल्प नहीं है।इसलिए सर्वांगीण विकास के लिए बच्चे को मातृभाषा सीखना चाहिए।करुणामय मंडल ने कहा,,,इंग्लिश स्कूल में बंगला और भूमिज भाषा की पढ़ाई शुरू कर के विद्यालय के संस्थापक विकास कुमार भकत ने समाज में एक सकारात्मक उदाहरण पेस किया है इसलिए वे बधाई के पात्र है।सुबोध गोराई ने कहा,,,झारखंड सरकार को बांग्ला के साथ साथ सभी स्थानीय भाषायों को सम्मान देना चाहिए और सभी स्थानीय भाषायों को बचाने का प्रयास करना चाहिए।सुभाष सरदार ने कहा,,,विद्यालय का यह प्रयास काफी सराहनीय है।
माताजी आश्रम और समजसेवी जनमेजय सरदार की ओर से बंगला सीखनेवाले सभी 18 बच्चे को बंगला पुस्तक, कॉपी और कलम दिया गया तथा भूमिज भाषा सीखनेवाले सभी 10 बच्चे को सुभाष सरदार की ओर से भूमिज भाषा का पुस्तक दिया गया।अंत में सुनील कुमार दे ने प्रथम बंगला क्लास तथा सुभाष सरदार ने प्रथम भूमिज भाषा का क्लास लिया।धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक असित मंडल ने किया तथा संचालन विकास भकत ने किया।इस अवसर पर बलराम गोप,तापस कुमार गोप,सुनील कुमार गोप,सरोज सीट,चायना मंडल,सोनामोनी बास्के के अलावे विद्यालय के छात्र छात्राएं उपस्थित थे।सप्ताह में एकदिन और एक घंटे तक बंगला और भूमिज भाषा इच्छुक छात्र छात्राओं को निशुल्क शिक्षा दी जायेगी।बंगला भाषा की शिक्षा शिक्षक असित मंडल और भूमिज भाषा की शिक्षा सुभाष सरदार देंगे।
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