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Tuesday, October 21, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में टूट हो गई है. महागठबंधन से झारखंड मुक्ति मोर्चा अलग हो गया है. इसकी विधिवत घोषणा झारखंड मुक्ति मोर्चा के बड़े नेता सह मंत्री सुदिव्य कुमार ने की है. गिरिडीह में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस को राजनीतिक धुर्तता का परिचायक बताया है.कांग्रेस और राजद को धुर्तता का भुगतान होगा परिणाम


(पत्रकार दया शंकर सिंह) बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में टूट हो गई है. महागठबंधन से झारखंड मुक्ति मोर्चा अलग हो गया है. इसकी विधिवत घोषणा झारखंड मुक्ति मोर्चा के बड़े नेता सह मंत्री सुदिव्य कुमार ने की है. गिरिडीह में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस को राजनीतिक धुर्तता का परिचायक बताया है. उन्होंने साफ कहा है कि इसका परिणाम आगे भी दिखेगा.

मंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव से झारखंड मुक्ति मोर्चा अलग हो चुकी है. मंत्री ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर 7 अक्टूबर को पटना में बैठक हुई थी. इस बैठक में वे अपने साथी विनोद पांडेय के साथ पहुंचे थे. 7 अक्तूबर से लेकर 20 अक्टूबर तक राष्ट्रीय जनता दल ने चालबाजी की और कांग्रेस ने राजद का साथ दिया.

मंत्री ने कहा कि नामांकन की तिथि आज ही समाप्त हो गई. बहुत ही अफसोस के साथ जेएमएम यह कहने को बाध्य है कि पार्टी इस चुनाव में प्रतिभागी नहीं है. बिहार के गठबंधन के अगुआ राजनीतिक दल की राजनीतिक धूर्तता ने झारखंड मुक्ति मोर्चा को नुकसान पहुंचाया. जेएमएम के बिहार में चुनाव नहीं लड़ने की आकांक्षा पर पानी फेरा है.. राजद और कांग्रेस को इस धुर्तता का परिणाम भुगतान होगा.

मंत्री ने कहा कि यदि झारखंड मुक्ति मोर्चा को सीट नहीं देना था तो इसे स्पष्ट करना चाहिए था. बिहार में महागठबंधन के अगुवा यदि पहले ही तस्वीर साफ कर देते तो जेएमएम अपने बलबूते ही मैदान में उतरती. 7 से 20 अक्तूबर तक सिर्फ चालबाजी करना यह सही नहीं है. जानबूझकर यह हरकत राजद ने की है जिसे कांग्रेस ने समर्थन दिया है.

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